क्या है दुर्गा पूजा?
दुर्गा पूजा भारतीय त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व पुरे भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन कलकत्ता में यह पर्व बहुत ही ज़ोर शोर से मनाया जाता है। यह पर्व पुरे 10 दिन तक मनाया जाता है परन्तु दुर्गा माँ की पूजा 7वे दिन से की जाती है और इस दिन से पंडाल सभी भक्तो के लिए खोल दिया जाता है। कई जगह पर इस समय मेला लगता है और बाजार को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जाता है। दशमी को यानि कि 10वे दिन दुर्गा माँ की मूर्ति को पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है जिसे विसर्जन कहा जाता है।

क्यों करते है दुर्गा माँ कि प्रतिमा का मूर्ति विसर्जन
आइए अब आपको बताते है कि देवी देवताओ कि मूर्तियों को जल में ही क्यों प्रवाहित किया जाता है:
भारतीय ऋषिओ मुनिओ के अनुसार पानी के मौलिक रूप को नारायण माना गया है। शास्त्रों के अनुसार जल ब्रह्म स्वरुप है। सृस्टि के निर्माण में और अंत में केवल जल ही जल है। यह सृस्टि के निर्माण से पहले भी उपलब्ध था, आज भी उपलब्ध है और सृस्टि के अंत में भी उपलब्ध होगा। सृस्टि निर्माण से पहले भगवान का मूल स्थान जल था इसलिए भगवान कि प्रतिमाओं को पूजा के बाद जल में ही अर्थात उनके मूल स्थान में ही विसर्जित कर दिया जाता है।